घर खरीदना एक बड़ा निर्णय होता है। इस प्रक्रिया में सबसे आम सवाल होता है – रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी खरीदें या अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी? दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए विस्तार से समझते हैं।
रेडी टू मूव प्रॉपर्टी – फायदे

🏠 तुरंत कब्जा: घर तैयार होता है, आप तुरंत शिफ्ट हो सकते हैं।
👀 जो दिखता है, वही मिलता है: आप फ्लैट देख कर खरीदते हैं, इसलिए कोई सरप्राइज नहीं होता।
💸 रेंट का झंझट नहीं: खुद शिफ्ट होकर किराया और EMI दोनों देने की जरूरत नहीं रहती।
✅ कम रिस्क: प्रोजेक्ट पूरा हो चुका होता है, इसलिए बिल्डर डिफॉल्ट का खतरा नहीं।
नुकसान

💰 महंगा पड़ता है: आमतौर पर अंडर कंस्ट्रक्शन से ज्यादा कीमत होती है।
🧱 कंस्ट्रक्शन क्वालिटी पता नहीं चलती: जब तक दीवारों में दिक्कत न आए, अंदरूनी काम का अंदाज़ा नहीं लगता।
🛠️ कस्टमाइजेशन नहीं: पहले से बनी प्रॉपर्टी में बदलाव की गुंजाइश कम होती है।
अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी – फायदे

💸 कम कीमत: रेडी प्रॉपर्टी की तुलना में सस्ती मिलती है।
📈 इनवेस्टमेंट के लिए बेहतर: प्रोजेक्ट पूरा होते-होते प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ सकती है।
🎨 कस्टमाइजेशन का मौका: आप चाहें तो इंटीरियर या लेआउट में बदलाव कर सकते हैं।
नुकसान

🕒 डिले का रिस्क: समय पर प्रोजेक्ट पूरा न होने की संभावना।
💼 बिल्डर डिफॉल्ट का खतरा: कई बार बिल्डर प्रोजेक्ट अधूरा छोड़ देते हैं।
👁️ पारदर्शिता की कमी: जो डिजाइन और सुविधाएं वादे में होती हैं, वो अंत में मिलेंगी या नहीं – गारंटी नहीं।
खरीदने से पहले ध्यान देने वाली बातें:

✅ बिल्डर की प्रतिष्ठा: पुराने प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी और गुणवत्ता देखें।
🏢 RERA रजिस्ट्रेशन: RERA नंबर जरूर जांचें।
📍 लोकेशन की वैल्यू: आस-पास के विकास कार्य जैसे स्कूल, मेट्रो आदि को देखें।
📊 EMI और किराए का गणित: दोनों को एक साथ वहन करने की क्षमता जांचें।
📆 डिलीवरी टाइमलाइन: अंडर कंस्ट्रक्शन के लिए लिखित रूप में समय सीमा लें।
🧑💼 रियल लाइफ उदाहरण:

उदाहरण 1: रेडी टू मूव – महेश अग्रवाल, मानसरोवर, जयपुर

“मैंने पहले घर जाकर फ्लैट देखा, आसपास की सोसायटी की हालत देखी और तभी निर्णय लिया। थोड़ी कीमत ज्यादा लगी लेकिन उस सुकून की कीमत नहीं लगाई जा सकती।”
सीख: रिटायर्ड या परिवार के साथ तुरंत शिफ्ट होना है तो रेडी टू मूव प्रॉपर्टी उपयुक्त है।
उदाहरण 2: अंडर कंस्ट्रक्शन – नेहा और रवि वर्मा, जगतपुरा, जयपुर

“हमने घर की बुकिंग 40 लाख में की थी, अब वही यूनिट 55 लाख की हो गई है। बिल्डर अच्छा था और वादे पूरे किए। हां, एक साल तक किराया और EMI दोनों देना थोड़ा भारी लगा।”
सीख: इन्वेस्टमेंट के लिए अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी फायदेमंद हो सकती है – बशर्ते बिल्डर भरोसेमंद हो।
निष्कर्ष: कौन बेहतर?

अगर आप तुरंत रहने के लिए घर खरीद रहे हैं और बजट थोड़ा लचीला है – तो रेडी टू मूव प्रॉपर्टी बेहतर है।
अगर आप इनवेस्टमेंट के नजरिए से सोच रहे हैं और थोड़ा धैर्य है – तो अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी फायदे का सौदा हो सकती है।
अंत में, फैसला आपकी ज़रूरत, बजट और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है।
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